माँ-बाप का जीवन, बच्चों के लिए...
एक बार की बात है…
एक जंगल में एक सेब का पेड़ था। लोग उस पेड़ पर से सेब तोड़ कर ले जाते थे। पेड़ की एक छोटे से लड़के से दोस्ती हो गई थी। कभी लड़का पेड़ की शाखाओं पर झूलता, कभी उस पर चढ़ता, उछलता-कूदता था। बच्चा रोज़ पेड़ के पास आता और सेब खाया करता था। पेड़ को भी उस बच्चे के साथ अच्छा लगता था। फिर बच्चे ने School Join कर लिया और बच्चा उस के साथ Time Spend नहीं कर पाता था।
अब बच्चा कुछ महीनों के बाद पेड़ से मिलने आया। पेड़ उसे देख कर बहुत खुश हुआ और अपने साथ खेलने को कहा, लेकिन लड़के ने कहा कि, अब वह उस के साथ नहीं खेल नहीं सकता क्योंकि, अब वह कोई छोटा बच्चा नहीं रहा पर उसके पास एक Request थी कि, उस के पास खिलौने खरीदने के पैसे नहीं है पेड़ ने कहा कि, तुम मेरे कुछ सेब तोड़ लो, इन्हें बेच कर जो पैसे मिलेंगे उस से खिलौने खरीद लेना। बच्चा ख़ुशी-ख़ुशी उस के फल ले गया।
पेड़ ने फिर से लड़के का इंतज़ार किया पर वह नहीं आया, फिर कुछ 10 सालों बाद लड़का पेड़ के पास आया और अब वह कुछ बड़ा हो चुका था पेड़ उसे देख कर खुश हुआ और अपने साथ खेलने को कहा। लड़के ने कहा कि, अब मैं बड़ा हो गया हूँ अब मुझ पर कुछ जिम्मेदारी है मुझे अपने परिवार के लिए एक घर की आवश्यकता है क्या तुम मेरी कुछ Help कर सकते हो? पेड़ ने कहा कि, मेरी कुछ शाखाएँ काट लो, तुम्हारा इन से काम हो जाएगा। लड़के ने ख़ुशी-ख़ुशी अब पेड़ की Branches काट लीं और अपना घर बना कर रहने लगा। पेड़ उस के लौटने का Wait करता रहा लेकिन लड़का फिर नहीं आया।
कुछ सालों बाद वह लड़का फिर लौट कर पेड़ के पास आया, वह बहुत दुखी था पेड़ ने उसे फिर से अपने साथ खेलने को कहा, लड़के ने फिर कहा अब मेरी काफी उम्र हो चुकी है अब मैं तुम्हारे साथ नहीं खेल सकता। अब मुझे यात्रा करने के लिए एक नाव की आवश्यकता है क्या तुम मेरी Help कर सकते हो? पेड़ ने कहा कि, अब तुम मेरा तना काट कर उस से अपनी नाव बना लो। फिर वह आदमी नाव बना कर यात्रा पर निकल गया और लौट कर नहीं आया।
कुछ समय बाद वह आदमी फिर से पेड़ के पास लौटा और अब वह बूढ़ा हो चुका था पेड़ उसे पहचान गया और कहा कि, अब मेरे पास तुम्हें देने के लिए कुछ भी नहीं है। बूढ़ा व्यक्ति बोला कि, अब मुझे कुछ नहीं चाहिए बस मुझे चैन से बैठने की एक जगह दे दो। पेड़ ने प्यार से कहा तुम मेरे छोटे से तने पर बैठ हो। अब बूढ़ा व्यक्ति Smile करते हुए बोला कि यही आराम करने के लिए सबसे अच्छी जगह है।
दोस्तों यही हम सब के जीवन की Story है...
Parents भी हमें उस पेड़ की तरह ही पालते-पोसते हैं, हमारी हर जरुरत का ध्यान रखते हैं और हम घर के रिश्ते भूल कर बाहर के रिश्तों पर ध्यान देते है। Parents हमें समझाते हैं तो हमें ताना लगता है और हम सोचते हैं कि, वे बड़-बड़ कर रहे हैं। घंटों तक Gym में मेहनत करने पर हम थकते नहीं और जब बाप के पैर दबाने का समय होता है तो हम थक जाते हैं लेकिन जब हम किसी मुसीबत में पड़ते हैं तो केवल Parents ही याद आते हैं कोई बाहर के रिश्ते नहीं।
हमारे Parents हमारे लिए सब कुछ करते हैं और हम उनका कोई उपकार नहीं मानते। Parents हमारी ख़ुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं पर हम उन्हें केवल पैसा प्राप्ति का माध्यम समझते हैं। हमें भी Parents की Respect करनी चाहिए, कम से कम हम उन्हें खुशी नहीं दे सकते तो दुःख भी न दें। ध्यान रखें माँ वो है जिसने अपना पेट काट कर हमें खाना बनाकर खिलाया और बाप वो है जिसने Overtime करके अपने बच्चों के सपने पूरे किए।
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5 comments
Write commentsSuch a nice story for everyone bhannaat.com is best
ReplyBhannaat likhte ho sir ji I like it awesome
Replyऐसी ही और लिखेंगे... आप जैसे भन्नाट लोगों का साथ चाहिये... कृपया प्रमोट करें अधिक से अधिक... धन्यवाद...
ReplyThats a true thinking....sir mere pas yesa bhot si bate he Jo human being ke liye jaruri he...
Replyआप हमें वे सभी बातें share कर सकते हैं
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